...

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अंधेरा
दूर तलक फैला है अंधेरा
वहा रोशनी का कोई निशान नहीं है

सहमी सी बैठी है आहें
निकलने की कोई राह नहीं है

मन में होती रहती है उथल पुथल
शांति का कोई नामो निशान नहीं है

जंग जारी है दिल ही दिल में
जीत हार का पता नही है

दूर तलक फैला है अंधेरा
वहा रोशनी का कोई निशान नहीं है