बेज़ुब
बेज़ुब
मानव कहते हो ख़ुद को ,
पर जानवार से भी बदतर हो ।
आशा थी उसे इसलिए आई तुम्हारे पास ,
अपने बच्चे के खातिर तुमसे कुछ खाने को मांगी ।
खाना देख उसको तुमपे विश्वास हुआ ,
मगर वो भूल गयी थी कि ,
मानव तो जानवार से भी बेकार हो गया ।
खाने के साथ तुमने बारूद था खिलाया ,
ख़ुद भी खा लेते साहब ।
तकलीफ उसे भी हुई ,
माँ वो भी थी ,
बच्चा...
मानव कहते हो ख़ुद को ,
पर जानवार से भी बदतर हो ।
आशा थी उसे इसलिए आई तुम्हारे पास ,
अपने बच्चे के खातिर तुमसे कुछ खाने को मांगी ।
खाना देख उसको तुमपे विश्वास हुआ ,
मगर वो भूल गयी थी कि ,
मानव तो जानवार से भी बेकार हो गया ।
खाने के साथ तुमने बारूद था खिलाया ,
ख़ुद भी खा लेते साहब ।
तकलीफ उसे भी हुई ,
माँ वो भी थी ,
बच्चा...