मेरी मौजूदगी.....
कमरा बोल पड़ा ,
क्या और कोई काम नहीं तम्हें ।
हर पल दुबके रहते हो ,
तकिये के नीचे ।
सदमे में खड़े रहते हो ,
ईण पर्दों के पीछे ।
मुझे भी अब बेचेनी सी होती है!
देखकर...
क्या और कोई काम नहीं तम्हें ।
हर पल दुबके रहते हो ,
तकिये के नीचे ।
सदमे में खड़े रहते हो ,
ईण पर्दों के पीछे ।
मुझे भी अब बेचेनी सी होती है!
देखकर...