स्याही का रंग.....
मै वो रंगीन जल हूँ, जो सुनहरे सपनो को लिखती हूँ
मै वो रंगीन जल हूँ, जो सुनहरे कल को लिखती हूँ ।
मेरी एक बूँद से कोरा कागज़ भी महक उठता है,
मेरी एक बूँद से अम्बर भी चमक उठता है ।।
कभी नीली तो कभी लाल चादर ओढ...
मै वो रंगीन जल हूँ, जो सुनहरे कल को लिखती हूँ ।
मेरी एक बूँद से कोरा कागज़ भी महक उठता है,
मेरी एक बूँद से अम्बर भी चमक उठता है ।।
कभी नीली तो कभी लाल चादर ओढ...