...

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वह मां है
[मां:-साधारण -सी नारी हर हूकों को खुशी से सहने वाली]

एक मां को बारिश में भींगता देख
मोह मुझे भी आया था
पर क्या करूं भगवान ने
उसकी पीड़ा सहने लायक
मुझे ना बनाया था
न हीं (पुरुषों को) बना पाया है
फिर भी हमेशा सवाल
मां पर ही आया है
तुझे मेरे लिए क्या ही भाया है
मां थी तब तक तू हमेशा...