...

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औलाद से गलती हो तो माफ़ कर दिया जाता हैं
औलाद से गलती हो तो
माफ कर दिया जाता हैं
गलती बार बार हो
तो घर से बाहर कर दिया जाता हैं

जिनकी फितरत में नफरत हो
उनसे क्या आशा कर पाएंगे
जो ये फ़ासला बढ़ा दिया
एक दूसरे में क्या इनको पार
कर पाएंगे

औलाद से गलती हो तो
माफ़ कर दिया जाता हैं
गलती बार बार हो
तो घर से बाहर कर दिया जाता हैं

जिनके लिये हम आज भी
काफिर हैं
क्या इनसे अब हम
विश्वास सहित रिश्ता
निभा पाएंगे

जिनको सिर्फ जलाना आता हैं
और सिर्फ मजहब के अलावा
कुछ ना भाता हैं
क्या उनके ही बीच दुबारा रह पाएंगे
जिनकी फितरत में ही नफरत हो
उनसे हम क्या आशा कर पाएंगे

किसी कवि ने क्या खूब कहा हैं
चिंगारी का खेल बुरा होता हैं
अपने ही घर में युद्ध सदा खराब होता हैं

औलाद से गलती हो तो
माफ़ कर दिया जाता हैं
गलती बार बार हो तो
घर से बाहर कर दिया जाता हैं



© Yeshu