...

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मौसम सुहाने आ गए
बादल बारिशों का राग सुनाने आ गए ,
देखो , फिर से मौसम सुहाने आ गए ।

सोचा था कहां भुला पायेंगें तुमको ,
मगर तुम्हें भूल जाने के बहाने आ गए।

गरज- गरज के बादल भी कहने लगे ,
उन्हें याद करने के फिर से ज़माने आ गए।

बरसती सावन की बूंदें क्या कह रहीं है ' ख़ाक '
सुनो ,दिन बारिशों में फ़िर से नहाने के आ गए।।
© khak_@mbalvi