भोर
मेरे गाँव की निराली भोर है
सड़को पर सन्नाटा
सन्नाटो का अलग ही शोर है।
एक गिलास वो चाय की प्याली
उसके बिना कहा है सुबह हमारी।
वो छिड़ियो का चहचहाना
ठंडी...
सड़को पर सन्नाटा
सन्नाटो का अलग ही शोर है।
एक गिलास वो चाय की प्याली
उसके बिना कहा है सुबह हमारी।
वो छिड़ियो का चहचहाना
ठंडी...