किश्ती
घाट-घाट जाती है किश्ती,
घाट-घाट जाती है किश्ती,
बहते पानी में बोलते हुए,
बोझ सारा ढोते हुए,
पानी की लहरें करतीं हैं,
अटखेली किश्ती को रोकते हुए,
उल्टी दिशा भी करनी पड़ती है पार,
किश्ती को संभलते हुए,
घाट-घाट जाती है किश्ती।।
घाट-घाट जाती है किश्ती,
बहते पानी में बोलते हुए,
बोझ सारा ढोते हुए,
पानी की लहरें करतीं हैं,
अटखेली किश्ती को रोकते हुए,
उल्टी दिशा भी करनी पड़ती है पार,
किश्ती को संभलते हुए,
घाट-घाट जाती है किश्ती।।
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