बिखरा हुआ था मैं
बिखरा हुआ था मैं, मंजिलें भी कहीं गुम थीं
जब खुद को संभाला मैंने, तो सब साफ दिख गया...
जब खुद को संभाला मैंने, तो सब साफ दिख गया...