...

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तुम्हारा इशारा
बस मै तुम्हे आगे बैठा हुआ देखकर
बोहोत सुकून मेहसूस होता है
क्योकि मुझे जाता हुआ देखकर
कोई अलविदा केहेन वाला जो पीछे होता है

क्लास मैं हर वक्त मैं तुम्हे देखता ना राहु
पर तुम्हारी एल झलक थो चुरा ही लेता हूं
तुम्हारा वो झट से देखकर मूड जाना
मैं देर से ही सही पर समाज जरूर लेता हूं

बातें भले ही होती ना हो ज्यादा तुमसे
पर वो सवेरे वाली मुस्कुराहट काफी है
इस भोले दिल को खुश करने केलिए
तुम्हारी मूडी हुई वो नजरे ही काफी है





© Sohan Raut