आख़िर कैसे बनी होंगी नदियां ..
प्रकृति कितना कुछ छुपाए बैठी है खुद में
कभी सोचा है क्या
ये आख़िर कैसे बनी नदियां?
हां, शायद जब बरसों से चुप रही स्त्री
जिसने सहा होगा समाज के ताने–बाने
मिला होगा जब उसे सच्चा प्रेम,
जब रो दिया होगा उसके सीने से चिपक कर
तब ये निर्मित हुई होंगी नदियां
और जो...
कभी सोचा है क्या
ये आख़िर कैसे बनी नदियां?
हां, शायद जब बरसों से चुप रही स्त्री
जिसने सहा होगा समाज के ताने–बाने
मिला होगा जब उसे सच्चा प्रेम,
जब रो दिया होगा उसके सीने से चिपक कर
तब ये निर्मित हुई होंगी नदियां
और जो...