कविता
दिल की कलम से
जज़्बातों के कागज़ पर
जब भावों का सागर उमड़ता है
जब बूंद भर स्याही में
सैलाब सा उतरता है...
जज़्बातों के कागज़ पर
जब भावों का सागर उमड़ता है
जब बूंद भर स्याही में
सैलाब सा उतरता है...