आइए
क्या जिंदगी में कोई सिरहाना नहीं है
क्या किस्मत पे जोर आजमाना सही है
क्या खुद को तूने संभाला सही है
क्या ठहरने को तुझको आशियाना नहीं है
बगीचे को कुदरत का सहारा चाइए
माली को बगीचे को सजाना चाहिए
मालिक को...
क्या किस्मत पे जोर आजमाना सही है
क्या खुद को तूने संभाला सही है
क्या ठहरने को तुझको आशियाना नहीं है
बगीचे को कुदरत का सहारा चाइए
माली को बगीचे को सजाना चाहिए
मालिक को...