✨ ऐ जिंदगी तू ही बता ✨
ऐ जिंदगी तू ही बता जरा, कब तलक ये अश्क छुपाऊ मैं,
करू अब और कितना सब्र, तेरी इजाजत हो तो बिखर जाऊं मैं !
ये जख्मों का शहर अब रास नहीं आता मुझे,
ये दुनिया ये लोग कुछ खास नहीं भाता मुझे,
तू छोरे गर तो मौत को गले...
करू अब और कितना सब्र, तेरी इजाजत हो तो बिखर जाऊं मैं !
ये जख्मों का शहर अब रास नहीं आता मुझे,
ये दुनिया ये लोग कुछ खास नहीं भाता मुझे,
तू छोरे गर तो मौत को गले...