...

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ख्वाहिश
मैं उनकी महफ़िल से भला और क्या मांगता हूँ,
एक मोहब्बत की दरिया से पानी जरा मांगता हूँ।।
ये सच है की उसकी महफ़िल में कई सितारे हैं लेकिन,
मैं उसकी पूनम की रातों की रौशनी जरा मांगता हूँ।।
माना शहर दूर है उसका पर कोई रस्ता जाता तो होगा,
अपनी मंजिलो में मैं उसका पता मांगता हूँ ।।
कभी तो वक्त मिले उसको बहुत सी बातें हैं करनी,
मैं उस गुलाब की पंखुड़ियों की खुशबु जरा मांगता हूँ ।।
हाँ उसके गम हो मेरे हमने तो बस उसकी खुशी मांगी,
पतझड़ खुद के लिए मांगा उसका सावन हरा मांगता हूँ ।।
#dying4her
© AK47