...

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संयम जरूरी है
ये सच है
सोच बदलने से
शरीर नहीं बदलता
उसे ढालना पड़ेगा
अपनी जरूरतों से
बिस्तर में ख्वाब
सजाना अलग है
शरीर की चैतन्यता
सड़क पार करने
में समझ आती है
मौसम के बदलने में
असर दिखता है
कलम से जबानी
अरमान सजाने से
क्या होगा जब
सब्जी का झोला
उठाने उम़ का
एहसास होता है
स्वास्थ्य नियामत है
नियमित व्यायाम ही
एक मात्र हल है
वरना मित्रों सारा
जीवन टांय टांय
ठुस्स फुस्स है
समस्या आने से
पहले समाधान करें
नियम संयम खानपान
उम़ अनुसार करें
थोड़ा समय स्वयं
अपने शरीर को भी दें
सजग रहें शरीर के प्रति



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