बिखरे रंग :ज़िन्दगी के संग
कई ख्वाहिशों को संवरते देखे हैं
की ख्वाबों को बिखरते देखे हैं
समय जब हो मुट्ठी में अपने ना!
मैंनें गैरों को भी वहाँ अपने संग देखे हैं
इतना कौन सी बड़ी बात है
मुद्दे की बात तो ये है कि
ज़िन्दगी में जब सब साथ छोड़ देते हैं न
मैंने ज़िन्दगी के वो रंग भी देखे हैं
कौन है कितना कीमत कहां रखता
हर एक के मैंनें ढंग देखें हैं
कब बदलती है दुनिया किस तरह
उन दुनिया वालों के मैंनें पसन्द भी देखें है
किस तरह बनाते हैं काजल को टीका और उसी
काजल को बनते हुए मैंनें कलंक भी देखे हैं
सुनी है दास्ताँ बड़े से बड़े मजनूंओं की मैंनें
उन आशिकों को बनते हुए मैंनें दुष्यंत भी देखे हैं
देखा है दुनिया का स्वार्थ भी एक...
की ख्वाबों को बिखरते देखे हैं
समय जब हो मुट्ठी में अपने ना!
मैंनें गैरों को भी वहाँ अपने संग देखे हैं
इतना कौन सी बड़ी बात है
मुद्दे की बात तो ये है कि
ज़िन्दगी में जब सब साथ छोड़ देते हैं न
मैंने ज़िन्दगी के वो रंग भी देखे हैं
कौन है कितना कीमत कहां रखता
हर एक के मैंनें ढंग देखें हैं
कब बदलती है दुनिया किस तरह
उन दुनिया वालों के मैंनें पसन्द भी देखें है
किस तरह बनाते हैं काजल को टीका और उसी
काजल को बनते हुए मैंनें कलंक भी देखे हैं
सुनी है दास्ताँ बड़े से बड़े मजनूंओं की मैंनें
उन आशिकों को बनते हुए मैंनें दुष्यंत भी देखे हैं
देखा है दुनिया का स्वार्थ भी एक...