...

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गुलाबी सर्दी
अगहनी धूप छाने लगी ,
तुहीन कण बरसाने लगी ,

गंजक ,रेवड़ी याद आने लगी ,
शाल स्वेटर अब भाने लगी ,

गुलाबी ठंड मन को रिझाने लगी ,
धुँध...