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माँ
••••••••••माँ••••••••••
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प्रथम रूप तुम शैलपुत्री माँ,
पार्वती हेमवती शिव अर्धांगिनी,
नंदी साथ प्रिय बेल पत्री माँ।
द्वितीय रूप ब्रह्मचारिणी माँ,
मुक्ति प्रदायिनी सर्वभूता,
कमल हाथ श्वेत वसन धारिणी माँ।
तृतीय रूप चन्द्रघण्टा माँ,
कलश घण्टप्रिय,शान्तिदायक,
मस्तिष्कधारण अर्ध चन्द्रा माँ।
चतुर्थ रूप कुष्माण्डा माँ,
आदिशक्ति आरोग्य की देवी,
ईषत हास्य रचत ब्रह्मण्ड माँ।
पंचम रूप स्कन्दमाता माँ,
सिंघवाहिनी कमलधारणी,
मोक्षदायिनी,यशस्विनी माता।
षष्ठम रूप कात्यायनी माँ,
कात्यायन पुत्री ओजमयी ,
हेमवती चन्द्रिका भद्रकाली माँ।
सप्तम रूप कालरात्रि माँ,
दुष्टविनाशिनी,शुभंकारी,
चामुण्डा,चण्डी दुर्गतिनाशिनी माँ।
अष्टम रूप महागौरी माँ,
श्वेताम्बरधरा वृषारूढ़ा,
अभय मुद्रा त्रिशूल धारणी माँ।
नवम रूप सिद्धिदात्री माँ,
अणिमा, लघिमा,वाकसिद्धि,
अमरत्व भावना नवनिधि प्राप्ति माँ।
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स्वरचित एवं मौलिक-सोनाली तिवारी "दीपशिखा"
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