"सब्र"
भरी अँखियाँ ना बहे...
कहने भर से भरती आए।
लफ्ज़ रुस्वा हो गुम,
कंठ बे-आवाज़ हो जाए।
प्रेम में...
कहने भर से भरती आए।
लफ्ज़ रुस्वा हो गुम,
कंठ बे-आवाज़ हो जाए।
प्रेम में...