भूख
विविध विषयों की कविताएं खंगालते हुए मैं.......
सोचती हूं कभी कभी,
प्रेम और प्रकृति के वर्णन से अटी पड़ी
कविताओं के बीच,
क्या कोई लिखना पसंद करता होगा,
रोटी की, भूख की कविता???
शायद दशमांश भी नहीं.....
तब भी जबकि सबका पहला प्रेम है रोटी।
जैसे पृथ्वी घूमती, सूर्य के इर्द-गिर्द
और पृथ्वी के इर्द-गिर्द घूमता चांद।
क्या मनुष्य नहीं घूमता जीवन पर्यन्त
महज़ दो जून की रोटी की खातिर??
सौर मंडल का केंद्र सूर्य और...
सोचती हूं कभी कभी,
प्रेम और प्रकृति के वर्णन से अटी पड़ी
कविताओं के बीच,
क्या कोई लिखना पसंद करता होगा,
रोटी की, भूख की कविता???
शायद दशमांश भी नहीं.....
तब भी जबकि सबका पहला प्रेम है रोटी।
जैसे पृथ्वी घूमती, सूर्य के इर्द-गिर्द
और पृथ्वी के इर्द-गिर्द घूमता चांद।
क्या मनुष्य नहीं घूमता जीवन पर्यन्त
महज़ दो जून की रोटी की खातिर??
सौर मंडल का केंद्र सूर्य और...