...

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रिश्तों का बंधन
स्नेह से बंधी रिश्तों की हर एक डोर,
कभी कहीं खुलने न पाए।
एक के चेहरे की हल्की-सी मुस्कान भी,
दूसरे की खुशी का कारण बन जाए।

भाई-बहन का नोकझोक वाला रिश्ता,
कहीं गुस्से में टूट न जाए।
सुलझा लो, हर उलझन को प्यार से,
कोई अपना कहीं छूटने न पाए।

माँ की ममता और पिता का प्यार,
जीवन भर साथ निभाए।
विश्वास, समर्पण और अपनेपन से,
इन रिश्तों में कभी कोई कड़वाहट न आए।

एक की मुस्कान में छिपे दुख का कारण,
दूसरा बिना कहे ही समझ जाए।
प्रेम से बंधे एक ऐसा बंधन,
जिसको चाहकर भी कभी कोई तोड़ न पाए।

भले ही सोच हो इनकी पूर्व-पश्चिम दिशाओं वाली,
दोस्ती पर फिर भी कोई आंच न आए।
दोस्ती का रिश्ता होता है सबसे अनमोल,
उम्र भर इस रिश्तें में, कभी कोई दूरी न आए।


© Himanshu Singh