होली : एक कहानी~
वो गाल गुलाल से सने थे,
उम्र में उनकी नादानी थी ,
उनकी हर अंदाज में शैतानी थी ।
अरे हाथ पकड़ , अरे इधर से पकड़ ,
मानो किसी जंग की चेतावनी थी ।
अरे अरे , पकड़ ही लिया था !
वो उसके हाथ से निकल जाने पर
चेहरे पर उदासी थी ,
और कभी खुद पकड़े गए तो ••••
बस इसी एक बात से परेशानी थी !
खुद का चेहरा तो पहचान में न आ रहा...
उम्र में उनकी नादानी थी ,
उनकी हर अंदाज में शैतानी थी ।
अरे हाथ पकड़ , अरे इधर से पकड़ ,
मानो किसी जंग की चेतावनी थी ।
अरे अरे , पकड़ ही लिया था !
वो उसके हाथ से निकल जाने पर
चेहरे पर उदासी थी ,
और कभी खुद पकड़े गए तो ••••
बस इसी एक बात से परेशानी थी !
खुद का चेहरा तो पहचान में न आ रहा...