...

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अनुभव
यूं खूबसूरत से ख्वाब है कितने
दिल के अरमान है कितने
जिंदगी कुछ यूं उलझी मांझे सी है
कुछ हद तक सुलझ पाती है तो कभी उलझती चली जाती है
जोश अब ख्वाबों का सर्द की ओस सा हो गया
गंतव्य जाने कहां है पर सफर कुछ यूं खूबसूरत सा है
कभी इमली सा खट्टा तो कभी शहद सा मीठा
pooza
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