शिकारी
देखके अकेली अबला नारी बेचारी,
निकल पड़े, शिकार करने शिकारी.
इश्क एहसास है जिस्म का खेल नही,
ये क्या समझे, ये हवस के पुजारी.
मां बहन बेटी इन रिश्तों से अंजान,
भूखे...
निकल पड़े, शिकार करने शिकारी.
इश्क एहसास है जिस्म का खेल नही,
ये क्या समझे, ये हवस के पुजारी.
मां बहन बेटी इन रिश्तों से अंजान,
भूखे...