...

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धरती ना ले ले तुझसे इसका हिसाब।।
तू फैला रहा है प्रदूषण,
कर रहा है गलती बेहिसाब।
मुफ्त की हवा जो तू खा रहा है,
धरती ना ले ले तुझसे इसका हिसाब।।

तूने हवा दूषित कर दी,
छीन लिया परिंदों का आसमान।
मुफ्त का पानी जो तूपी रहा है,
धरती ना ले ले तुझसे इसका हिसाब।।

अपने घर को साफ रखकर,
तू गंदा कर रहा है सारा संसार।
सूरज की किरणों का लुत्फ उठा रहा है,
धरती ना ले ले तुझसे इसका हिसाब।।
© Tulikawrites