परम धूर्त घोशी जी - एक काल्पनिक व्यंग्य 🤣🤣🤣
परम धूर्त घोशी जी - एक काल्पनिक व्यंग्य 🤣🤣🤣
सुन्दर सुन्दर सभ्य सुसंस्कृत प्यारे प्यारे घोशी जी !
इन शब्दों पर ध्यान न देना होगे वरना दोषी जी !
बने जगेरी (गुड़) घूमा करते जय जयकार भी होती जी !
दूर के ढ़ोल सुहाने जैसे इनकी हरकत वैसी जी !
सुन्दर सुन्दर सभ्य सुसंस्कृत प्यारे प्यारे घोशी जी !
मुख से फेयर & लवली टपके भीतर बदबू कांदे सी !
भेद भाव और...
सुन्दर सुन्दर सभ्य सुसंस्कृत प्यारे प्यारे घोशी जी !
इन शब्दों पर ध्यान न देना होगे वरना दोषी जी !
बने जगेरी (गुड़) घूमा करते जय जयकार भी होती जी !
दूर के ढ़ोल सुहाने जैसे इनकी हरकत वैसी जी !
सुन्दर सुन्दर सभ्य सुसंस्कृत प्यारे प्यारे घोशी जी !
मुख से फेयर & लवली टपके भीतर बदबू कांदे सी !
भेद भाव और...