एक मकसद
छोटा ही सही एक मकसद हो
जिन्दगी में थोड़ा जिंदापन हो
कब तक जिएगा निर्जिव की भांति
थोड़ी सी खुदकी भी जिंदगी हो
छलावे तो आने ही हैं
तभी तो ये जिन्दगी हैं
पर छलावों में ही उलझेगा
तो फिर किस काम की जिन्दगी हैं
खण्डित करने तो लाखों आएंगे
अखण्ड तो तुझे ही बनना हैं
यदी युद्ध ही समझता है जिंदगी को
तो ये युद्ध तुझे ही लड़ना हैं
बदकिस्मत समझता है ना खुदको
बदकिस्मत तो सारी दुनिया है
इंस्टा के हसीन...
जिन्दगी में थोड़ा जिंदापन हो
कब तक जिएगा निर्जिव की भांति
थोड़ी सी खुदकी भी जिंदगी हो
छलावे तो आने ही हैं
तभी तो ये जिन्दगी हैं
पर छलावों में ही उलझेगा
तो फिर किस काम की जिन्दगी हैं
खण्डित करने तो लाखों आएंगे
अखण्ड तो तुझे ही बनना हैं
यदी युद्ध ही समझता है जिंदगी को
तो ये युद्ध तुझे ही लड़ना हैं
बदकिस्मत समझता है ना खुदको
बदकिस्मत तो सारी दुनिया है
इंस्टा के हसीन...