...

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कुछ कर अपना पहचान बनाना है
#खोज
खोज में निकल पड़ी हू
अनजान कितने मुस्किले आन खड़ी होगी सामने
बस मन में ठान कर खुद ही खुद का रस्ता बना रही हो
अगर हुई भी गलत तो समझ सीख जाऊंगी तपते रेगिस्तान
अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़े चलोगी।।

आश लगा रखी थी जो आरो से निराशा हुई थी थोड़ी गुस्से वाली बन गई थी कुछ दिनों पूर्व के लिए।।
अब सुधार अपने आप को रोक लगाना शुरू किया
कर नया राह बना अपना।।

किसी सफ़र का अंजान बन गई हो जरूर
पर जो ज़िम्मेदारियां मिली है
जो सोचा है सब सच कर दिखना है
तब तक अपना धैर्य बनाने रखना हैं

बहुत कुछ कि खोज में नहीं निकली हो
पर जो खोज में निकली हो बहुत कुछ सीखा सत्या दिखा रहा हैं




बबिता कुमारी
© story writing