...

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लाचार
बेबसी खड़ी थी
उसके लाचार पैरों पर
उसने अपनी टांगें
ट्रक के नीचे गवां दी थी
लोग दे जाते थे
रोटी और कपड़े
मुझे भी दया आई
मैं भी दे जाती उसे
चंद कागज़ के टुकड़े
पर उसे साहस, आत्मविश्वास,
और उम्मीद नही दे पाई।

© Jyoti Dhiman