...

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कंपटीशन हजार है
रोज पद निकलते हैं, मन में उत्साह बड़ा जोरदार है
पा लूंगा एक सरकारी नौकरी मन में यही ख्याल है,
निकला ऐसा इरादे सोच के घर से बहुत दूर
देखा तो कंपटीशन हजार है।।
कई मुझसे बेहतर है , कोचिंगो की फीस बेशुमार है
कैसे करूं तैयारी गांव से निकल कर आया हूं ,यह निराशा मन में बरकरार है
सोचा छोड़ दूं संघर्ष,पहाड़ों की तरफ अपना रुख मोड़ दु
पर वह पिताजी की पुरानी कमीज़, और मां का वह पुराना सूट
मुझे उनके लिए बहुत कुछ कर जाने को जी चाहता है।।
घर से बहुत दूर आते हैं सब बड़ा सोचकर
देखते हैं कंपटीशन हजार है।।
एक नौकरी की चाहत में हम कलम घिसते दिन रात है
फिर रिजल्ट आता निराशा छाती चारों ओर ,
फिर भी उम्मीद बरकरार है।

क्या हुआ नहीं निकले तो ,ऐसे ही थोड़ी ना मरना है
यहां आए हैं कुछ बड़ा करके जाएंगे ,अपने कलम से अपने भाग्य को बदलना है।
फिर से आएगा रिजल्ट छाएगी निराशा, पर इन छोटे-छोटे पड़ाओ से थोड़ी ना डरना है
कंपटीशन भाले ही हजार है ,आखिर में इतिहास तो हमें ही बदलना है।।