क्या हमारा देश आजाद हैं ?
मना रहे सब आजादी,लेकिन जकड़े हैं गुलामी में।
हर तरफ जश्ने माहौल है ,मगर उदासी है चेहरों में।।
जाने कब हम संभलेंगे,जाने कब हम सुधरेंगे।
जाने कब हम भारत माता को,अपराध मुक्त कर पाएंगे।।
जाने कब वो सूरज उगेगा, जाने कब वो चांद की चांदनी आएगी।
जाने कब हम नारीत्व के मान का सम्मान कर पाएंगे।।
जाने कब मेरा देश...
हर तरफ जश्ने माहौल है ,मगर उदासी है चेहरों में।।
जाने कब हम संभलेंगे,जाने कब हम सुधरेंगे।
जाने कब हम भारत माता को,अपराध मुक्त कर पाएंगे।।
जाने कब वो सूरज उगेगा, जाने कब वो चांद की चांदनी आएगी।
जाने कब हम नारीत्व के मान का सम्मान कर पाएंगे।।
जाने कब मेरा देश...