...

3 views

मां
मां, मेरी मां क्या है तु
कोई समझ न पाए
तु अलग सी लगती है धूप में भी छांव है तु
मां मेरी मां क्या है तु।
तु ऐसे शब्दों के चक्र में लिपटी हैं कि बयां न कर पाऊं तुझे
तेरी सिरत भी खुदा सी लगती है
तु हंसे तो मेरा दिल भी हंसता है
तु रोएं तो खुदा भी रोता है
मां मेरी..........................।।
खुदा की ऐसी निमत है तु
सबको छांव दिया
खुद ही दर्द सहती है तु
न जाने कितने रूप है...