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एहसास माँ का
एहसास माँ का
दुनिया से अलग नज़र आता है
वो एहसास ही जिन्दगी कहला
हमारे मरहमों पे दवा लगा जाता है
इसी से हमें जिन्दगी के सारे
सबक सीखने को मिलते हैं
जिन्दगी सदैव हमारी खुश रहे
इसके लिए जिन्दगी को
कभी उदास न रहने देना
कभी उदास दिखे तो झट मना लेना
उसे अपनी बन्दगी में शामिल कर
बस इतना कह देना
जिंन्दगी तू कभी उदास न होना
अपने बच्चों के ख़ातिर
सदैव आबाद रहना
तेरी खुशी में मुझे दिखती खुशी है
कभी ग़म भी हो तो खुशी दिखाकर
उस ग़म का जवाब देना
आँखों से दिखती तस्वीरों पे
तू विश्वास न करना
ये दुनिया ऐसी ही है
जो दिखती है वो होती नहीं
देख तू रूठी तो किस्मत
मेरी रूठ जाती है
इस दुनिया में मुझे तेरे सिवाय
हर चीज़ झूठी नज़र आती है
माँ तू ही तो मेरी जिंदगी है
मेरी बन्दगी है
तेरे दिखाए रास्ते पे तो चलती हूँ
अपने आत्म सम्मान के लिए
लड़ जाती हूँ
जिन्दगी की ऊँची नीची पगडण्डियों
पे तेरा हाथ थामें थामें ही तो चलती हूँ
तूने ही तो सिखाया है
अपनी लड़ाई अपने तरीके से लड़ना
अपनी बात भी रख देना
कभी किसी पे आँच न आने देना
लेकिन सुनते सुनते जब कान पक जाएँ
तब अपनी बात प्यार से
धीरे से रखना
तब भी कोई न समझे तो
ईंट का जवाब पत्थर से देना
सब कहते हैं माँ है तो जिन्दगी है
जिसकी माँ नहीं वो
बदकिस्मती के शिकार हैं
अब उन्हें कैसे समझाऊँ
मेरी माँ तो सदैव मेरे साथ है
मेरी साँसे मेरा शरीर
हर पल कराता मुझे ये आभास है
देख जिन्दगी कोई कितना भी कहे
तू मुझसे कभी मुख न मोड़ना
अकेला तू मुझे कभी न छोड़ना
तेरे होने के एहसास से ही तो
शक्ति का मुझमें होता
संचार नज़र आता है
तेरे बिना तो मेरा जीवन
निराधार नज़र आता है
माँ मेरे जीवन का
एक तू ही तो मुझे मूल आधार
नज़र आता है
तेरे एहसान मैं गिनाऊँ
तो गिनाऊँ कैसे
ऐसा मुझमें सामर्थ कहाँ
तेरी बन्दगी में जीवन बिताऊँ
इतना ही तो मुझमें सामर्थ्य
लिखने जब भी तुझे बैठती हूँ
शब्द कम पड़ जाते हैं
एक तेरी मौजूदगी से ही
मेरे शब्द पूरे हो पाते हैं
एक तेरी मौजूदगी से ही
मेरे शब्द पूरे हो पाते हैं
© Manju Pandey Choubey