...

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मुझे कुछ करना है ....
दिल की गहरइयों से बाहर निकलना हैं,
गुलामी की जंजीरे तोड़ कर उड़ना है ।
रात के स्वपन को दिन में बदलना है ,
हर बुझे दीए को रोशनी से भरना है ।।
मुझे कुछ करना है,मुझे कुछ करना है..

अपनी हद से अब आगे निकलना है,
हर अंधेरे को रोशनी में बदलना है ।
हार को हराकर जीत में बदलना है ,
हर आसुओं को खुशी में बदलना है।।
मुझे कुछ करना है,मुझे कुछ करना है..

झूठ से लड़कर सच को जिताना है ,
अपनी काबिलियत पे शक ना खाना है,
साथ सच का दिया तो क्यों घबराना है,
हर किए वादे को अब पूरा करना है।।
मुझे कुछ करना है ..........

नाकामयाबियों को अब उनकी हद में रहना है ,
मुझे भी अब नदियों सा बहना है ।
रुकना नहीं है मुझे अब कहीं पर ,
क्योंकी मुझे तो अपनी हद से गुजरना है ।।
मुझे कुछ करना है ..........

दुनिया के सच को किससे ना छुपाना है ,
पल दो पल का साथ तो सबको निभाना है ।
अपनी गलतियों को फिर ना दोहराना है ,
मिले हर जख्म को खुशियों से भरना है।।
मुझे कुछ करना है............

नाकामयाबियों के डर से अब और ना डरना है ,
मुझे भी अब पंछियों सा उड़ना है।
आसमा में भी रहकर जमीं से ये कहना है ,
तेरे किए उपकार से यु ना मुकरना है।।
मुझे कुछ करना है,मुझे कुछ करना है..

- @YashS4304
Yashwrites