राज़ की बात
वो अपना चीकू , जिसे तंबाकू समझ कर खाया करते थे
वो अमरूद के पत्ते को, पान बनाकर चबाया करते थे
वो पतली सी लकड़ी में होल कर, सिगरेट पिया करते थे
हम अपना बचपन , कुछ ऐसे ही जिया करते थे
हो दोपहर का वक्त, घर से निकल...
वो अमरूद के पत्ते को, पान बनाकर चबाया करते थे
वो पतली सी लकड़ी में होल कर, सिगरेट पिया करते थे
हम अपना बचपन , कुछ ऐसे ही जिया करते थे
हो दोपहर का वक्त, घर से निकल...