देखूं
मैं ये नहीं कहती की, कितने नजारे देखूं।
बस जो भी देखूं तेरे आखों के सहारे देखूं।।
बैठ जाऊं साथ तेरे,
और आसमान के सारे तारे देखूं।।
अगर ये जिंदगी हो जाए तेरे नाम पिया,
तो इस जिंदगी की बहारे देखूं।।
तुम्हारे आखों में, मैं
अपने खुशी सारे देखूं।।
चलती चलूं तुम्हारे साथ समंदर के किनारे,
और रेत पर पांव के निशान हमारे देखूं।।
बस जो भी देखूं तेरे आखों के सहारे देखूं।।
बैठ जाऊं साथ तेरे,
और आसमान के सारे तारे देखूं।।
अगर ये जिंदगी हो जाए तेरे नाम पिया,
तो इस जिंदगी की बहारे देखूं।।
तुम्हारे आखों में, मैं
अपने खुशी सारे देखूं।।
चलती चलूं तुम्हारे साथ समंदर के किनारे,
और रेत पर पांव के निशान हमारे देखूं।।
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