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कलम के द्वारा मिली गयी सहेली...
न आप को कभी देखा,
न आप को कभी सुना।
बस पढ़ते गए हम आपको और,
आप पढ़ते गयीं हमे।
रोज़ मैसेज आती है आपकी,
सुप्रभात और शुभ रात्रि।
दोस्ती भी क्या चीज़ है,
बस ऐसे ही हो जाती है,
रोज़ ऐसे ही याद करते रहना हमे,
और हम याद करते रहेंगे तुम्हे।
© Pam-1710
न आप को कभी सुना।
बस पढ़ते गए हम आपको और,
आप पढ़ते गयीं हमे।
रोज़ मैसेज आती है आपकी,
सुप्रभात और शुभ रात्रि।
दोस्ती भी क्या चीज़ है,
बस ऐसे ही हो जाती है,
रोज़ ऐसे ही याद करते रहना हमे,
और हम याद करते रहेंगे तुम्हे।
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