Dil ke rubaru
फ़साना अब कोई अंजाम पाना चाहता है
तअल्लुक़ टूटने को एक बहाना चाहता है
जहा इक शख्स भी मिलता नहीं है
चाहने से वहा दिल हथेली पर जमाना चाहता है
मुझे समझा रही है आँख की तहरीर उसकी
वो आधे रस्ते से लौट जाना...
तअल्लुक़ टूटने को एक बहाना चाहता है
जहा इक शख्स भी मिलता नहीं है
चाहने से वहा दिल हथेली पर जमाना चाहता है
मुझे समझा रही है आँख की तहरीर उसकी
वो आधे रस्ते से लौट जाना...