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खामोस दिल
तेरी ऑखो के आइने मे,खुद को है यूं तलासा
खामोस दिल की धड़कन , है दे रही दिलासा
चुपचाप है तू लेकिन,सब कुछ भी कह रही है
हो जख्म क्यू छिपाएे, क्यो कर रहे तमासा
बेदर्द मुझको कहते,तो तुम भी कोन कम हो
ढाते हो जुल्म कई ओर, बस देते रहे हतासा
राजा आदर्श गर्ग
खामोस दिल की धड़कन , है दे रही दिलासा
चुपचाप है तू लेकिन,सब कुछ भी कह रही है
हो जख्म क्यू छिपाएे, क्यो कर रहे तमासा
बेदर्द मुझको कहते,तो तुम भी कोन कम हो
ढाते हो जुल्म कई ओर, बस देते रहे हतासा
राजा आदर्श गर्ग
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