1 views
Lost...
हम ज़िंदगी की दौड़ में इतना खो गए ,
कि भागते दौड़ते कितना कुछ डुबो गए ।
अपने अहंकार में हम इतना खो गए ,
कि गैरो को अपना बना बैठे ,
और अपनो को कितनी बातें चुभो गए ।
रिश्तों में दूरियों से रास्ते अलग हो गए ,
अब यादों के धागे हम अपने अंदर पिरो गए ।
कुछ लोग आए तो कुछ यूं चले गए ,
कुछ साथ रह गए तो कुछ याद बन गए ।।
~Lavisha Arora
© All Rights Reserved
कि भागते दौड़ते कितना कुछ डुबो गए ।
अपने अहंकार में हम इतना खो गए ,
कि गैरो को अपना बना बैठे ,
और अपनो को कितनी बातें चुभो गए ।
रिश्तों में दूरियों से रास्ते अलग हो गए ,
अब यादों के धागे हम अपने अंदर पिरो गए ।
कुछ लोग आए तो कुछ यूं चले गए ,
कुछ साथ रह गए तो कुछ याद बन गए ।।
~Lavisha Arora
© All Rights Reserved
Related Stories
5 Likes
0
Comments
5 Likes
0
Comments