तुम
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,समझो कभी
तुम न जानों क्या क्या ज़रूरी है,
कभी हँसना कभी रोना कभी कुछ न सूझे है
तुम सुनते नही बात...
झूठ नहीं मजबूरी है,समझो कभी
तुम न जानों क्या क्या ज़रूरी है,
कभी हँसना कभी रोना कभी कुछ न सूझे है
तुम सुनते नही बात...