देखा है तुमने....
कितनी ख्वाहिश़ें बहती हैं मुझमें ,कभी उतरकर देखा है तुमने
यूं तो मुस्कुरा देता हूं अक्सर ,कभी ग़म का समुंदर देखा है तुमने
कितनी यादें हैं तुम्हारी हमारी,कभी पीछे मुड़कर देखा है तुमने
हर तरफ़ा तो मंज़र तुम्हारा था मुझमें,कभी...
यूं तो मुस्कुरा देता हूं अक्सर ,कभी ग़म का समुंदर देखा है तुमने
कितनी यादें हैं तुम्हारी हमारी,कभी पीछे मुड़कर देखा है तुमने
हर तरफ़ा तो मंज़र तुम्हारा था मुझमें,कभी...