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मै चाहता हूँ।
मै चाहता हूँ,
मै एक उड़ता बदल बन जाऊ।
आजादी से उड़ता जाऊ।
जिसकी छत पर करें मेरा मन,
उसकी छत पर कोलाहल मचाउ।
मैं चाहता हूँ,
मैं एक पतंग बन जाऊ।
बिना डोर के अपनी मर्ज़ी से,
ऊंचाइयों पर उड़ता जाऊ।
मै चाहता हूँ,
मै एक बहती हुई नदिया बन जाऊ।
कभी ऊंची तो कभी नीची,
लहराती तरंगे बनाऊ।
मै चाहता हूँ,
मै एक हवा का झोका बान जाऊ।
बिना किसी रोक टोक के उड़ता जाऊ बस उड़ता जाऊ।
मै चाहता हूँ,
फिर अपने मुहल्ले कि गलियों मे,
यारों के सांग मै दौड़ लगाउ।
फिर से अपनी बचपन कि ज़िन्दगी,
मै एक बार और जीना चाहउ।
#sumit #merabachpan#cahat
#mydisayers#loveyoubachpan.
@sumit123
© sumit123
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