...

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मेरे प्यार की झील
छोटी सी एक प्यार की झील थी मेरी
प्यार के एक एक कतरे से भरी वो तेरी ।।
एक छोटी और प्यारी सी एक मेरी कस्ती
करती जो सब कुर्बान जब भी तू हस्ती ।।
यु तो बड़े बड़े जहाज़ भी थे तेरे पीछे
मैं और मेरी कस्ती थी उनसे बहुत नीचे ।।
लेकिन वो पूरा जहाज़ तेरे लिए था ही नहीं
सैकड़ो कमरो में तेरा भी नाम था उसमें कहीं ।।
हाँ था तो बहुत कम तुझे देने को मेरे पास
पर मेरा सबकुछ था , समझ पाती तू काश ।।
ना अब लहरें है ना रही मेरी वो कस्ती
जा चुकी इस झील की अब वो मस्ती ।।
डूब चुके है उसी झील में हम कुछ इस तरह
अश्को के दरिये ने ले ली तेरी झील की जगह ।।
दिन-ब-दिन बढ़ते जा रही है समंदर की गहराई
मुझे और अँधेरे कुँए में लिए जा रही ये तन्हाई ।।
दूर रौशनी में वो जहाज़ फिर दिखा पर तू नही
शायद किसी और कमरे में कैद या आज़ाद हो कहीं ।।
हम यहाँ कल भी वो तेरे दीदार के गुलाम बने थे
और आने वाले कल में भी उसी के गुलाम रहेंगे ।।
शायद तू एक दिन फिर आये उस झील पर
पर ना रही तेरे नाम की कस्ती न मैं उसके ऊपर ।।
समंदर और गहरा रहा जब भी हम रोते हैं
तेरी रौशनी की उम्मीद में फिर भी अँधेरे में सोते हैं ।।
#unrequitedlove
#unrequitedlove❤
#mythoughts
© Aadi...