...

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(मैने देखा उस लड़की को )
मैने देखा उस लड़की को गरीबी से
जुझते हुए अभावो मे तड़पते हुए
घर की छत टीन की है दरवाजे पर साँकल ढीली है
और जगह ऐसी की चोर लुटेरो का शहर है
माँ है घर पर या यूँ कहे की सिर्फ़ माँ ही है घर पर
और सिर्फ़ वो .....
वक़्त कुछ ही बीता है सर से पिता जो उसका हमदर्द था उसका साँया छूटा है l
नाते रिश्तेदार अब सुध नही लेते
हाँ चंद रुपये बचाने के लिए कोई पैदल चलता है
सुना था पर !
आज करीब से देख भी लिया
कमजोर शरीर और बिलकुल छोटी उमर
और हाँ सुना है कोई बीमारी भी है ।
एक कोशिश खुद को गरीबी और
बेबसी से निकालने की
और बस उसने मेरा साथ माँगा और
मैने चुपचाप दे दिया l