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जाने दो...
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
जाने दो जो बन्द आंखों में भी नमी भर गया
आंखों के समुंदर को भी सुखा कर गया,
उम्र के सफ़र में सांसों की डोरी से
जो साथ न दे पाया एक उम्र गुजर जाने की
जाने दो जो हमसफर कह कर सफ़र छोड़ गया ।
जाने दो खयालों को बहने दो आंसुओ को
प्रेम के मोह में ठगे हृदय को जीने दो,
जाने दो प्रेम को हृदय से रिसने दो मोह को
जाने दो जो बिन बोले बहुत कुछ बोल गया
ख़ामोश आंखों में बस टूटी उम्मीद और बिखरे ख़्वाब छोड़ गया..
जाने दो...
© khanabadosh_2207
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