मेरा कोई बसर नहीं है
कैसे उड़ जाऊं के अब मेरे पर नहीं हैं,
ज़िस्म ज़िंदा है मालिक सर नहीं है |
जो तू गया मेरी साँसे भी ख़फ़ा है,
मुझसा कोई अभागा कोई बेघर नहीं है |
तेरा जाना गलत था एक बात तो सही...
ज़िस्म ज़िंदा है मालिक सर नहीं है |
जो तू गया मेरी साँसे भी ख़फ़ा है,
मुझसा कोई अभागा कोई बेघर नहीं है |
तेरा जाना गलत था एक बात तो सही...