...

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हाँ नहीं था नहीं था कोई कभी नहीं था
हाँ नहीं था नहीं था कोई कभी नहीं था
मेरे पास तेरे बाद हाँ कोई कभी नहीं था

वो जो तेरी यादों की आहटें थी मैं उन मैं था
तुझसे टूट जाने के बाद तुझसे रूठा भी नहीं था

रातों मे जब साँसें रूकती थी दिल उखड़ता था
मेरे पास तेरे खुशनुमा लम्हों के सिवा कुछ भी नहीं था

जो सूरज चाँद रोशन था मगर मेरे घर नहीं था
नहीं था तो मेरी आवाज़ सुनने वाला कोई भी नहीं था

तेरी मजबूरियाँ दर्द और हाँ सितम भी नहीं
तू जब नहीं था मै भी खुद मैं कभी नहीं था

अब जो लौटेगा तो सारिम भी लौट आयेगा फिर
मुझे याद है तेरे बाद कभी मै लौटा भी नहीं था

© Sarim